क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने से छात्रों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है। यह उन्हें लगातार सुधार करने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करता है, जो आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में एक अमूल्य गुण है।